राम भरोसे

12:22 AM Edit This 0 Comments »
















मेरा देश है राम भरोसे
“वर्तमान ” और “भविष्य”
बात कर रहे थे एक दूसरे से …!

वर्तमान ,
सफलता की नई ऊंचाई पर खड़े हैं
जरा नीचे देखो,
बस नए रंग चढ़ गये हैं
तस्वीर अभी वही है गावों की
नीति बहुत बनी बदलने की
पर राम भरोसे

आजादी ६२ साल पहले मिली थी
आज भी भांषा और क्षेत्र के गुलाम हैं
थोडा बदलाव हुवा है ………!
तब विदेशी सीतम गिराते थे
अब अपने लोग…!

हम अपना घर उजाड़ कर,
दूसरों की महल पर ईंट रख रहें हैं!
“तुम ” चुप रहोआज के राजनेता हैं “हम” !

देश ने सिख लिए हैं नए संस्कार
घर आये मेहमान की तरह होता है
आतंकियों का सेवा-सत्कार
जानते हो “आज”इन्हें सजा क्यों नहीं देता
डर है कही उसका “कल”न बिगड़ जाये …!

भविष्य,
बस करो वर्तमान …………बस
ऐसा न हो,
कहीं मेरे सवरने की अभीलाषा ही मर जाये …!
देख दशा देश की,मन मेरा मुझको कोसे
आखिर कब तक रहेगा……?
देश मेरा राम भरोसे ………………………………।